कुरान मजीद ने बद जानवर के गोश्त के इस्तेमाल से सख्ती से मन फ़रमाया है. रब ताला इरशाद फरमाता है -
(तर्जुमा कंजुल इमान)
उसने तुम पर मुरदार किये हैं मुरदार और खून और खिंजील का गोश्त और वो जानवर जो गैरे ख़ुदा का नाम एकर ज़िबह किया गया. ( परा : 2 , सुरह : बक़रा, आयत : 173)
इंसानों के लिए इस्लामी अहकाम माँ छुपे हुए बहुत सारे फायदे और उन् के नतीजों को ध्यान में रखते हुए हम बहुत सी बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं. इस्लाम ने इंसानी जिस्म और रूह को नुक्सान पहुचने वाली तमाम चीज़ों से अपने माननेवालों को सख्ती से मन फर्मदिया, ताकि वो उनके नुकसान पहुंचाने वाले असर से बच सकें.
मौजूदा तिब्बी तहक़ीक़ के नतीजों मई ये बात मंज़रे आम पाई गयी है की खिंजील के गोश्त में TAENIIA SOLIUM AND TRICHINELLA SPIRALIS दो कीड़े पाए जाते हैं, जिनमें पहले वाला कीड़ा मिर्गी का सबब बनता है और दूसरा कीड़ा एक बीमारी TRICHINOSIS की वजह बनता है.
Acute Trichnosis के बीमार को सबसे पहले तेज़ बुखार आता है. उससे के खून का बहाव ज़हरीले माद्दे से मुतास्सिर हो सकता है. जिस्सके नतीजे मई उससके दिल और नफ्स के निज़ाम का फालिज़ भी गिर सकता है. ये दिमाग और जिस्म के दुसरे हिस्सों पर जलन भी पैदा करता है. और ज़बान, गर्दन, आँखों, और गले वगैरह की रगों को भी जाम कर देता है. खिंजील के गोष्ट का सबसे बड़ा नुक्सान ये है की वो बहुत ज्यादा मोटापा पैदा करने वाला होता है. उस्स्में बहुत ज्यादा calories और चिकनाई पाई जाती है और cholesterol की सतह बहुत बुलंद होती है.
100 ग्राम बड़े गोश्त में ज्यादा से ज्यादा 284 calories होती हैं जबकि खिंजील के गोश्त मैं ज्यादा से ज्यादा 496 calories होती हैं. इस्सी तरह बड़े के गोश्त में ज्यादा से ज्यादा 21.1% होती है जबकि खिंजील के गोश्त में ज्यादा से ज्यादा 47.8% होती है.
इस्लाम में खिंजील के गोश्त पर रोक लगाने की हिकमत अब AMERICA और EUROPE में भी मकबूल हो रही है और वहां के सेहत की जानकारी रखने वाले लोग आम तौर पर इस्लाम की हलाल की हुई चीजों को ही इस्तेमाल कर रहे हैं और खिंजील का गोश्त छोड़ते चले जा रहे हैं.
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